प्रयागराज: महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत की घटना में गिरफ्तार नामजद आरोपितों शिष्य और हाई प्रोफाइल संत आनंद गिरि तथा बड़े हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। कभी महंत नरेंद्र गिरि के सबसे खास शिष्य रहे आनंद गिरि आज सलाखों के पीछे है। पुजारी भी मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए पूज्यनीय थे। लेकिन अब वह भी एक महंत को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में नैनी जेल की कोठरी में हैं।
उन दोनों को तकरीबन पौने चार बजे सीजेएम की अदालत में पेश किया गया। बाहर अधिवक्ताओं की भारी भीड़ थी जिसे संभालने के लिए पुलिस फोर्स तैनात रही। दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश अदालत ने दिया। उन दोनों को जेल में दाखिल करा दिया गया है। इस बीच पुजारी आद्या प्रसाद के पुत्र और इस घटना के तीसरे आरोपित संदीप तिवारी को भी शाम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के शव का पांच सदस्यीय टीम ने बुधवार को पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम करीब दो घंटे तक चला। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया था। पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम की प्रारंभिक रिपोर्ट आ गई है, जिसमें प्रथम दृष्टया दम घुटने से मौत की पुष्टि की गई है। हालांकि फाइनल रिपोर्ट तो बिसरा की जांच के बाद ही आएगी।
आनंद गिरि को उत्तर प्रदेश पुलिस ने उसी दिन हरिद्वार जाकर पकड़ लिया था। उसे सहारनपुर लाकर रात भर रखने के बाद मंगलवार दोपहर प्रयागराज में पुलिस लाइन लाया गया जहां पुलिस अधिकारियों ने उससे कई घंटे तक घटना के बारे में लगातार पूछताछ की। दूसरे आरोपित पुजारी आद्या प्रसाद को भी सोमवार रात ही हिरासत में ले लिया गया था। फिर उसके पुत्र संदीप को भी पुलिस ने पकड़ लिया। उन दोनों से भी अलग-अलग पूछताछ की जाती रही। हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक अमर गिरि से मिली तहरीर के आधार पर जार्जटाउन थाने में आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी के खिलाफ आइपीसी की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए मजबूर करने का नामजद केस लिखा गया था। इस घटना की जांच 18 सदस्यीय एसआइटी कर रही है। पुलिस ने आनंद गिरि और पुजारी।आद्या तिवारी का पहले जिला अस्पताल बेली मेडिकल परीक्षण कराया फिर सीजीएम की अदालत में शाम को पेश किया। अदालत ने कुछ देर वकीलों की बहस सुनने के बाद दोनों की जमानत अर्जी खारिज कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।सनद रहे कि आंनद गिरि का पहले भी विवादों से गहरा नाता रहा है।साल 2019 में उनको महिलाओं से छेड़छाड़ के एक मामले में आस्ट्रेलिया पुलिस ने गिरफ्तार किया था।कई हफ्तों जेल में रहने के बाद ही उनकी भारत वापसी हो सकी थी।इसके बाद उनका अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि से ही विवाद हो गया। उन्होंने नरेंद्र गिरि पर कई आरोप लगाते थे।इसी के बाद उनको संगम स्थित लेटे हनुमान जी के मंदिर के उप प्रमुख पद से हटा दिया गया था।यही नहीं उनको पंचायती निरंजनी अखाड़े से भी निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि बाद में उन्होंने अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि से माफी मांग ली थी और दोनों में समझौता हो गया था। लेकिन खटास नहीं दूर हुई थी।
महंत नरेंद्र गिरि की मौत की सीबीआई जांच की संस्तुति
बाघंबरी मठ के अध्यक्ष और अखिल भारतीय परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मृत्यु से जुड़े मामले की जांच सीबीआई द्वारा किए जाने की संस्तुति राज्य सरकार ने कर दी है। उल्लेखनीय है कि महंत की मौत की परिस्थितियों को देखते हुए तमाम नेता ,आम जन और संत समाज की ओर से इस बात की मांग की जा रही थी। कुछ भाजपा सांसदों ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी।इस बात की जानकारी गृह विभाग ने देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं।
अखाड़ा परिषद ने बलवीर गिरि को बाघंबरी मठ का अध्यक्ष मानने से इंकार किया