पेगासस नाम के तूफान ने भारतीय राजनीति में बवंडर ला दिया है, एक के बाद एक खुलासे से ये माना जा रहा है, कि इस समय का ये सबसे बड़ा खुलासा है। जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत पत्रकारों, चुनाव आयोग, सामाजिक कार्यकर्ता और खुद बीजेपी के अपने नेताओं की जासूसी सरकार ने फ़ोन के जरिये की। आरोप है 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार ने इसका इस्तेमाल करके चुनाव नतीजों पर प्रभाव डालने का काम किया।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच की मांग भी लगे हाथ रख दी है।
आज शाम इसी मुद्दे पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। कॉन्फ्रेंस में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन, अधीर रंजन चौधरी और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लेते हुये हमला किया।
कांग्रेस ने कहा मोदी सरकार ने देशद्रोह किया है। मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। राहुल गांधी समेत देश के विपक्षी नेताओं, देश के सम्मानित अलग-अलग मीडिया संगठनों के पत्रकारों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जासूसी करवाई है। भारतीय जनता पार्टी का नाम बदल कर अब भारतीय जासूसी पार्टी रख देना चाहिए। देश के लोग अब कह रहे हैं – ‘अबकी बार देशद्रोही जासूस सरकार’।
न्यूज रिपोर्ट से ये हमें पता चला केवल पत्रकारों, विपक्ष के नेता और खुद के मंत्रियों के नहीं, देश की सुरक्षा एजेंसियों के जो हैड हैं, जो हमारी सुरक्षा करते हैं, जो देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं, मोदी सरकार उनकी भी जासूसी कर रही थीं।
देश की रक्षा करने वाले हमारे सिक्योरिटी फोर्सेस के हैड की भी जासूसी। क्या किसी सरकार ने इससे ज्यादा शर्मनाक कुकृत्य कभी किया होगा?
देश में जो चुनाव आयुक्त हैं, जो भारत के इलेक्शन कमिश्नर थे, अशोक लवासा के साथ बंगाल चुनाव में भी इसका इस्तेमाल हुआ। पिछले लोकसभा चुनाव से भी पीछे से चल रही है और इसका सबूत उपलब्ध है।
देखिये किस तरह भारत सरकार की एजेंसी का इस्तेमाल हुआ
अगर आप इस जासूसी को देखें तो CERT-In जो भारत सरकार की एजेंसी है, ये रिपोर्ट अब अवेलेबल नहीं है, ये उतार ली गई है। मैं इसकी प्रतिलिपि आपको भेज रहा हूं। ये CERT-In ने रिपोर्ट दी थी कि वाट्सअप के माध्यम से पेगासस इजरायली सॉफ्टवेयर से टेलीफोन को हैक करके सीधे-सीधे जासूसी चल रही है। ये मैं नहीं कह रहा, ये भारत सरकार की जो एजेंसी है, उन्होंने लिखकर रिपोर्ट दी है। और इसमें उन्होंने बाकायदा लिखा, original issue date is 17th May, 2019 ‘A vulnerability has been reported in WhatsApp which could be exploited by a remote attacker to execute arbitrary code on the affected system’. और ये बाकायदा ट्रेकर न्यूज और सब कुछ इसके अंदर दिया है।
ये एक इजरायली कंपनी है एनएसओ जिसनें ये साफ कहा है कि ये केवल सरकारों के मध्य सौदा करती हैं, इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से आतंकवाद की ट्रैकिंग होती है तो राहुल गांधी और पत्रकारों की जासूसी करके कौन सी आतंकवाद गतिविधियों की ट्रैकिंग हो रही थीं।
पेगासस का सॉफ्टवेयर तो केवल सरकार को बेचा गया था, मंक स्कूल ऑफ यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो ने, जिनके पास सिटीजन लैब है, बाकायदा इस पेगासस सॉफ्टवेयर और हिंदुस्तान पर अटैक की जांच करवाई और उन्होंने जून, 2017 में ये पाया हिंदुस्तान के राजनीतिक व्यक्तियों, हो सकता है उनमें खरगे साहब का फोन भी हैं, अधीर रंजन चौधरी साहब का भी हो, ममता जी का भी हो, लालू जी का भी हो, अखिलेश जी का भी, दूसरे लोगों का भी हो। उन सबको अटैक किया गया था, 2017 में, पेगासस सॉफ्टवेयर के माध्यम से। ये वो रिपोर्ट की कॉपी है।
पेगासस सॉफ्टवेयर से इंटरनेट और ब्रॉडबैंड को भी इंफैक्ट कर दिया गया। यानी इस देश के लोग अपने टेलीफोन पर, यूट्यूब पर क्या देखते हैं, आपकी बेटी, आपकी पत्नी, आप स्वयं, आपका बेटा, ब्रॉड बैंड पर, यूट्यूब पर, टेलीफोन पर क्या देखते हैं, क्या सर्च करते हैं, उस पर भी मोदी सरकार नजर रख रही है।
सिटीजन लैब रिपोर्ट में आया और उन्होंने कहा कि जो-जो कंपनियां इन्फैक्ट की उन्होंने इंटरनेट की, वो है भारती एयरटेल लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, खुद की सरकारी कंपनी को भी नहीं बख्शा। नेशनल इंटरनेट बैकबोन, सब कुछ उसी पर चलता है, एनआईसी, कोर्ट की प्रोसिडिंग से लेकर, सरकार की सब कार्यवाही, हर डिपार्टमेंट की कार्यवाही एनआईसी पर चलेंगी। हैथवे (Hathway) केबल इंटरनेट, स्टार ब्रॉडबैंड सर्विसेस, एरिया कन्वर्जन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड।
मोदी सरकार झूठ बोल रही है। आज भी आईटी मंत्री ने कह दिया, हमारा तो कोई लेना-देना ही नहीं। एनएसओ और पेगासस को तो हम जानते ही नहीं। उन्होंने तो बयान ही दे दिया। शायद मंत्री जी अगर आप कांग्रेस के कॉलिंग अटेंशन में पुराने आईटी मिनिस्टर का 28 नवंबर, 2019 का जवाब पढ़ लेते, तो इतना झूठ संसद को ना बोलते। ये मैं इस देश के फॉर्मर आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद का संसद में दिया बयान जिसमें उन्होंने खुद 3 बातें कबूली थी।
सरकार को जानकारी की 121 व्यक्तियों के निजी जीवन मे सेंधमारी हुई है, नाम उनके पास मौजूद है, जिनके टेलीफोन को पेगासस इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर से हैक किया गया है। ये पूर्व IT मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में कबूला था कि 121 नाम तो उनके पास हैं। तो जब मिनिस्टर ये कह रहे हैं कि मेरे पास 121 नाम हैं, तो फिर आज नये नवेले आईटी मिनिस्टर झूठ क्यों बोल रहे हैं?
साथ ही उन्होंने ये माना कि एनएसओ को नोटिस दिया गया नवंबर, 2019 में साथ ही ये भी उन्होंने कहा कि वॉट्सएप ने हमें 121 नाम दिए। ये देखिए ( एक लिस्ट दिखाते हुए श्री सुरजेवाला ने कहा) तो ये वो खुद ही मानते थे। नवंबर, 2019 में भारत सरकार ने संसद के पटल पर माना और उसके बाद ये भी कहा कि हमने एनएसओ को नोटिस दिया है। मैं आपको वो लाइन पढ़कर बता देता हूं। श्री रविशंकर प्रसाद, हमने तो आपको पहले ही कहा था कि एनएसओ को भी नोटिस दिया है। तो भैया, उस नोटिस का क्या हुआ वैष्णव साहब?
या आपको सरकार बता नहीं रही नए-नए आईटी मिनिस्टर बने हो। आप कह रहे हैं कि हमारा पेगासस के बारे में जानकारी नहीं, आपके मंत्री कह रहे हैं कि 121 नाम हैं, हमने तो नोटिस दिया है। अब कौन सा मंत्री झूठ बोल रहा है, पुराने वाला झूठ बोल रहा है या नए वाला झूठ बोल रहा है?
कुछ महत्वपूर्ण सवाल है जिनका जबाव देश को मिलना चाहिए
1.क्या हिंदुस्तान में चुनाव आयुक्त, विपक्ष के नेता समेत राहुल गांधी खुद के कैबिनेट मंत्रियों, पत्रकार साथियों, एक्टिविस्ट और इन सबकी जासूसी करवाना अगर देशद्रोह नहीं और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं, तो क्या है?
2.क्या 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी , उनके गृहमंत्री अमित शाह और उनकी सरकार जासूसी करवा रही थी?
3.भारत सरकार ने ये इजरायली जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस कब खरीदा? क्या इसके लिए होम मिनिस्टर अमित शाह ने अनुमति दी या प्रधानमंत्री ने अनुमति दी और कितना हजार करोड़ रुपए खर्च हुआ या कितने सैंकड़ों रुपए खर्च हुए और वो पैसा कहाँ से आया?
4.अप्रैल-मई, 2019 में, ये देखिए CERT -In की रिपोर्ट है, भारत सरकार को इस सॉफ्टवेयर की जानकारी थी। तो 2019 से 2021 के बीच में अगर मोदी सरकार को जानकारी थी, तो आप और अमित शाह चुप क्यों रहे? भारत सरकार ने, रहस्यमयी चुप्पी, षड्यंत्रकारी चुप्पी क्यों साध रखी है?
5.देश में आंतरिक सुरक्षा के जिम्मेदार तो अमित शाह हैं, तो माननीय अमित शाह को एक सेंकेड भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है, उन्हें बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि ये सब तो उनकी देख रेख में हो रहा है? जासूसी कांड जो है इस देश का, वो तो अमित शाह की देखरेख में हो रहा है।