दिल्ली/ शिक्षा के लिए रोज़ ढोल पीटने वाली सरकार अपने संस्थानों में फैले भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा को लेकर कितनी सजग है ये सिर्फ कहने की बात हैं। सरकारी संस्थानों में खुलेआम महिलाओं का शोषण और मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। मजे की बात ये है कि ये मामला शिक्षा मंत्री के ऑफिस से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक में महिला के द्वारा दर्ज करवाया जा चुका हैं। इतना ही नहीं दिल्ली महिला आयोग ने इस मामलें में सरकार को कारवाई करके जल्द से जल्द महिला को इंसाफ देने की बात कही जिसपर आजतक शिक्षा मंत्रालय से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। साल भर से ऊपर हो चुके है पीड़ित महिला (बदला हुआ नाम ) वसुंधरा इंसाफ के लिए भटक रही हैं। पढ़ी लिखी उच्चशिक्षित परिवार की महिला के साथ ऐसा हो सकता है तो आम महिला की बात तो आप भूल ही जाये।
क्या है मामला और आरोपी को क्यों शह है मंत्री की-
मामला शिक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाली संस्था NCTE का हैं, जिसका काम पूरे देश में उच्च शिक्षा के लिए मापदंड को देखना और पालन करवाने की जिम्मेदारी उठाने की हैं। जाहिर है । यहाँ के NCR कमेटी के चैयरमैन का जिम्मा बनवारी लाल नटिया के पास हैं। कमेटी में महिलाएं और पुरुष दोनों की भागीदारी हैं। इसी कमेटी की एक महिला (बदला हुआ ) वसुंधरा के साथ बनवारी लाल नटिया ने ना सिर्फ दुर्व्यवहार किया बल्कि मानसिक उत्पीड़न के साथ शोषण भी किया जिनका जिक्र वसुंधरा के द्वारा शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल , दिल्ली महिला आयोग, NCTE के पूर्व चैयरमैन सहित वर्तमान मेंबर सेकेट्री तक को खुद मिलकर किया गया पर ढाक के तीन-पात की दर्ज पर आज तक नटिया मजे से घूम रहा है उसके खिलाफ कोई कारवाई नहीं कि गई। नटिया ने ये कदम क्यों उठाया क्योंकि उसके द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार पर लगातार वसुंधरा के द्वारा सवाल उठाया जा रहा था, वसुंधरा राजस्थान सरकार में पूर्व में उच्च पद पर रह चुकी है उनको बखूबी कार्यप्रणाली और NCTE के नियमों का सही गलत का अंदाजा था। और नटिया सिर्फ पैसे बनाने के लालच में ऐसे फाइलें भी निकालने की दबाव और जुगत में रहता है जिससे पैसे बना सके। दूसरा वसुंधरा की वजह से इसमें लगातार दिक्कतें आ रही थीं क्योंकि हर व्यक्ति पैसों के लिए काम नहीं करता इसलिए उसने इतना घिनोना कांड कर डाला।
NCTE ने क्यों विशाखा गाइडलाइंस का अनदेखा किया-
सवाल ये है कि विशाखा गाइडलाइंस के हिसाब से कार्यस्थल पर किसी महिला कर्मचारी के साथ ऐसी घटना होती है तो शिकायत मिलने पर तुरंत आरोपी को दूसरे विभाग में ट्रांसफर कर दिया जाता है, और जांच कमेटी का गठन किया जाता है। इस केस में ना तो आरोपी को अभी हटाया गया ना इस मामलें की जांच के लिए विजिलेंस में गई फ़ाइल पर कोई कारवाई की गई हैं! किसने आखिर इस मामलें को इन्वेस्टिगेशन से रोका हुआ हैं।
वसुंधरा जिनके साथ ये घटना हुई वो खुद भी काफी पढ़ी लिखी और किसी जमाने में पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के सहयोगी और सखा कि बेटी हैं। नटिया के चैयरमैन के पद के बाद सबसे वरिष्ठ सदस्य है कमेटी में। जब इस तरह की घटना वसुंधरा के साथ हो सकती है तो बाकी की क्या स्थिति होगी ये सोचनीय है!
नटिया का घिनौना कृत्य यहीं नहीं रुका –
इस शिकायत के अलावा बनवारीलाल नटिया का चैयरमैन के पद का कार्यकाल फरवरी में 2021 में ही खत्म हो चला है। इसके वावजूद वो अभी तक चैयरमैन के पद पर बैठा हुआ, बल्कि गले तक भ्रष्टाचार में डूबा हुआ भी हैं। क्योंकि नटिया के जरिए राममंदिर के नाम पर कॉलेजों से जबरन धमका कर करोड़ों रुपये की अवैध वसूली की गई हैं ।
इसका सबूत है जनवरी में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बनवारीलाल नटिया ने करीब 1469 कॉलेजों को SCN इशू किया गया। इसके बहाने कॉलेजों के प्रबंधकों को धमकाया गया कहा गया, कि उनके बीएड के लाइसेंस को रद्द कर दिया जायेगा और हर कॉलेज से इस के नाम पर 3-4 लाख वसूले गये। अनुमानित राशि करीब 40 करोड़ रुपये के आसपास हैं। जबकि NCTE के नियमों में इस तरह का प्रावधान ही नहीं हैं।
लोकसभा में एक सांसद के द्वारा भी ये मुद्दा उठाया जा चुका है, उसके बाद भी नटिया जैसे लोगों का संस्थान में रहना साफतौर पर गंदगी की तरफ इशारा करता है। हालांकि नये आये अधिकारी ईमानदारी से अपना काम करने की कोशिश कर रहे है। नये चैयरमैन संतोष सारंगी ने ऐसे कई भ्रष्टाचार के मामलों को संज्ञान में लेकर ईमानदारी से न्याय देने की कोशिश की हैं। लेकिन सवाल ये है कि बनवारीलाल नटिया जैसे भ्रष्टाचार में डूबे व्यक्तियों के रहते क्या वो ठीक तरह से काम कर पायेंगे।
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बनवारीलाल नटिया के द्वारा ये पैसे शिक्षा मंत्री को भी पहुंचाये गये क्योंकि मंत्री की कुर्सी भी दांव पर लगी थी, राममंदिर के नाम पर उगाही करके करोड़ों रुपये की बंदरबांट में पैसे आरएसएस के जरिये अलग-अलग जगहों पर बांटे गए। मंत्री की निजी सचिव तक को कई बार वसुन्धरा के मामलें में जानकारी दी गई, नबंवर में खुद शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वसुंधरा को आश्वासन दिया था, कारवाई करने का उसके बाद नटिया का ये उगाही करना साफ तौर पर इशारा करता है कि इसमें मंत्री का हाथ हैं। इसलिए अभी तक नटिया को कार्यकाल खत्म होने के बाद भी नहीं हटाया गया, ना कोई यौन शोषण के मामलें में कारवाई हुई है। शिक्षा मंत्री निशंक के खिलाफ कभी भी कारवाई करते हुये मंत्रालय लिया जा सकता है।
मंत्रालय के बैनर पर नई शिक्षा नीति के नाम पर खुलकर अपना प्रचार करने वाले मंत्री महोदय सामने आकर इस बात की सफाई दे आखिर क्यों ? किसके कहने से NCTE को इस्तेमाल में लाकर राम मंदिर के नाम पर पैसा इकट्ठा किया गया।
क्या NCTE बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, या भाजपा का बगल बच्चा हैं ! ये एक सरकारी संस्थान है जिसे चलाने के लिए देश के टैक्सपेयर्स का पैसा इस्तेमाल में लाया जाता है। सवाल गंभीर और तुरंत संज्ञान लेने के लायक है। कैसे और किस योग्यता के बल पर नटिया को NCTE में NRC का चैयरमैन बनाया गया, इसके साथ ही क्यों मंत्रालय ने IIM जैसे संस्थान को ऐसे लोगों को बिठाया हैं। भ्रष्टाचार के द्वारा निशंक की कुर्सी बची रहे इसलिए कोई कारवाई नहीं होती ऐसे लोगों पर। क्योंकि सरकार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तर्ज पर मंत्री नहीं अपने लिए उगाही करने वाले कर्मचारियों की बहाली कर रही हैं !!!
NCTE में भ्रष्टाचार अब बहुत बढ़ता जा रहा है और भ्रष्टाचार करने वालों के नाम है (1) T. PRITAM SINGH (NCTE HOD) (2) NK SHARMA (UNDER SECARATRY) PUNEET SAHANEE (SECTION OFFICERS)
पूरी की पूरी परमानेंट अधिकारी की फौज ही गन्दी है।