दिल्ली: पूर्व नेता प्रतिपक्ष पंजाब विधानसभा सरदार सुखपाल सिंह खैरा (विधायक भोलाथ), सरदार जगदेव सिंह (विधायक मौर) और पीरमल सिंह (विधायक भदौर) ने आज नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी के कांग्रेस में विलय की घोषणा की। पंजाब में नज़दीक में ही चुनाव है ऐसे में ये विलय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस मुद्दे पर पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने मीडिया से कहा सरदार सुखपाल सिंह खैरा, इनके दोनों साथी, हमारे एमएलएल हैं। इनको तो सब जानते हैं। ये आप पार्टी के बहुत प्रोमिनेंट नेता रहे हैं। तो इन्होंने पिछले दिनों हमारे आग्रह पर कांग्रेस ज्वाइन की। आज कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को धन्यवाद देने के दिल्ली आये है।
राहुल गांधी से मिलने के बाद सरदार सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि आज हम कांग्रेस के सुप्रीम लीडर राहुल गांधी जी से मिलने आए थे, उनका धन्यवाद करने आए थे, क्योंकि मैं और मेरे दो कॉलिग्स यहाँ जगदेव सिंह कमालू जो एमएलए मोर (Maur) हैं भटिंडा डिस्ट्रिक्ट से और पिरमल सिंह खालसा जो एमएलए हैं, बतौर बरनाला डिस्ट्रिक्ट से। पिछले समय में हमने हरीश रावत के साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से, सुनील जाखड़, पीसीसी प्रेसिडेंट से बात करने के बाद हमनें कांग्रेस में विलय का निर्णय लिया हम दोबारा कांग्रेस जॉइन करेंगे।
हमारी एक पार्टी है – पंजाब एकता पार्टी, जिसका पूरा पंजाब में इन्फ्रास्ट्रक्चर है, सारे डिस्ट्रिक्ट में प्रेजिडेंट हैं। ओवरसीज से हमारे, दोस्त, मित्र हैं, चाहे नोर्थ अमेरिका हैं, चाहे यूरोप हैं, चाहे ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड हैं, चाहे मिडिल ईस्ट हैं, इन सबमें हमारे पास बहुत अच्छे व्यक्ति हैं, जो किसी वक्त एनआरआई आम आदमी पार्टी को सपोर्ट करते, लेकिन वो लोग अरविंद केजरीवाल के फैसलों से खुश नहीं है, बहुत बड़े पैमाने पर पंजाब के एनआरआई ने आम आदमी पार्टी को 2017 के चुनाव में पैसे दिए थे। लेकिन वो पैसे कहाँ गए, किसके पास गए, क्योंकि पंजाब के लोगों को नहीं पहुंचे और उनका एनआरआई का भरोसा काफी टूटा है। वो हमारे साथ हैं औऱ हम चाहेंगे कि जो हमारे ऑनरेबल एनआरआई पंजाब के लिए जिनका दिल धड़कता है, वो भी हमारे साथ कांग्रेस में आएं और पंजाब को आने वाले दिनों में हम मजबूत कर सकें और आगे लेकर जा सकें। इस मकसद से आज हमने राहुल जी के साथ मीटिंग की।
दुर्भाग्यवश मैंने एक फैसला लिया था, जो गलत साबित हुआ लेकिन वो बोलते हैं कि जो कुदरत को मंजूर होता है, अगर मैं गया भी आम आदमी पार्टी में और जो मैंने लीडर ऑफ अपोजिशन के समय में एक साल का वक्त मिला, जितनी भी मेरे में ईमानदारी और जबावदेही के साथ जो मैंने पंजाब की सेवा करने की कोशिश की थी, लेकिन उनको पंसद नहीं थी। उन लोगों ने अनडेमोक्रेटिक तरीके से ट्विटर से बटन दबाकर ना सिर्फ हमें हटाया लेकिन आम आदमी पार्टी को पंजाब में बहुत बड़ा झटका लगाकर खुद ही कमजोर कर दिया औऱ अरविंद केजरीवाल जी की एक समस्या है कि सेल्फ कॉल करते हैं हर चार-छह महीने में। लेकिन उसकी कभी समीक्षा नहीं की, कभी उसको रिव्यू नहीं किया कि हमने गलती की है। हमारी गलती को हम रिव्यू करते हैं, जैसे कांग्रेस पार्टी, फर्ज करो कोई इनर पार्टी अफेयर है कांग्रेस में तत्काल उसपर बात सुनी जाती है। हम आम आदमी पार्टी में जरूर थे पर वहां सिर्फ एक आदमी की चलती है अरविंद केजरीवाल की।