लखनऊ।। प्रदेश के निजी अस्पतालों की ओपीडी सेवा शुक्रवार को पूरी तरह बंद रही। सिर्फ इमरजेंसी सेवा और कोरोना मरीजों का ही इलाज किया गया। पैथोलॉजी व डायग्नोस्टिक सेंटर भी बंद रहे। आयुष डॉक्टरों को सर्जरी करने की छूट दिए जाने और देश में वर्ष 2030 से इंटीग्रेटेड मेडिसिन को लागू करने के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आह्वान पर यह हड़ताल की गई। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी आइएमए को अपना समर्थन दिया है, लेकिन वहां कामकाज प्रभावित नहीं हुआ।
आइएमए के यूपी स्टेट ब्रांच के प्रेसिडेंट डॉ.अशोक राय ने बताया कि आयुष डॉक्टरों को आधे-अधूरे ढंग से ब्रिज कोर्स कराकर सर्जरी करने की छूट दी जा रही है। वहीं इंटीग्रेटेड मेडिसिन के लिए केंद्र सरकार ने समितियां गठित की हैं। अभी एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी की अपनी अलग-अलग पहचान है। ऐसे में इन सबको मिलाकर मिक्सोपैथी बनाने के घातक परिणाम होंगे। सभी जिलों में आइएमए पदाधिकारी प्रदर्शन कर सरकार से इस फैसले को वापस लिए जाने की मांग रखेंगे
क्यों है देश भर में विरोध सरकार के इस फ़ैसले पर –
- दरअसल, सरकार ने आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी के अधिकार देने का फैसला किया है।
- वर्ष 2030 से इंटीग्रेटेड मेडिसिन को पूरे देश में लागू करने की योजना है ।
- अभी आयुष डॉक्टरों को आधे-अधूरे ढंग से ब्रिज कोर्स कराकर सर्जरी करने की वहीं इंटीग्रेटेड मेडिसिन के लिए केंद्र सरकार ने समितियां गठित की हैं।
- एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी की अपनी अलग-अलग पहचान है। ऐसे में इन सबको मिलाकर मिक्सोपैथी बनाने का कदम मरीजों के लिए घातक हो सकता हैं।